कोई अगर आपसे पूछे कि आपने आखिरी बार संस्कृत कब लिखी, बोली, पढ़ी या सुनी थी? तो कईयों का जवाब होगा – अपने स्कूल में, किसी यज्ञ, हवन या पूजा-पाठ में! वैसे भी हिंदी – अंग्रेज़ी भाषा के बीच इतनी तनातनी चलती रहती है कि इसके बीच में संस्कृत कम ही याद की जाती है। लेकिन संस्कृत में पीएचडी करने वाले पंकज झा ने इस भाषा के साथ कुछ ऐसा किया है जिसे सुनकर आप भी ‘वाह’ कह उठेंगे। ‘धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना..’ – 90 के दशक की सुपरहिट फिल्म ‘आशिक़ी’ का यह सुपरहिट गाना जो पिछले साल हनी सिंह के ‘टच’ के साथ एक बार फिर मार्केट में आया था। और अब इसका एक संस्कृत संस्करण व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया पर चक्कर लगा रहा है –
https://youtu.be/d3qtwTyFW9c
फेसबुक पेज बतंगड़ के मुताबिक इसका अनुवाद और गायन देवघर, झारखंड के पंकज झा ने किया है। पंकज फिलहाल संस्कृत प्रमोशन फाउंडेशन, दिल्ली में रिसर्च फेलो हैं और श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ से संस्कृत व्याकरण में PhD कर रहे हैं।
बॉलीवुड के गानों का दूसरी भाषा में अनुवाद होना और फिर इनका सोशल मीडिया पर वायरल होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन संस्कृत जिसे अक्सर लोग ‘कठिन’ समझते आए हैं और कई भाषाविद उसे संचार के लिए अनुपयुक्त भाषा बताते आए हैं, उसका इतना दिलचस्प इस्तेमाल किसने सोचा था। वैसे इससे पहले राजकपूर और नरगिस की फिल्म ‘चोरी चोरी’ के गीत ‘आजा सनम मधुर चांदनी में हम’ को भी संस्कृत में गाया गया था। इस गीत का भी आनंद लीजिए –
source: http://khabar.ndtv.com/news/zara-hatke/sanskrit-version-of-dheere-dheere-se-1428918